सभी ने कहा तू नारी है
हर हाल मे तू हारी है
आसमान पे चढ़ने वाली
तुझपे छायी बीमारी है
मैने कहा उनसे
माना के मे नारी हूँ
पर सब पे आज मे भारी हूँ
झांसी से लेकर बेदी तक
सफलता की एक सवारी हूँ
सागर नवनाथ ननावरे
लेखन 3जनवरी 2016
M.A. (pol), D.Ed, MC & Journalism, TC.PEd. लेखक (स्तंभलेखक): दैनिक प्रभात व्यक्तिमत्व विकास सदर पत्रकार : मुक्त पत्रकारिता व्यवस्थापक : चित्रल प्रशिक्षण संस्था
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